Wednesday, December 17, 2008

अरब जनता के प्रतिरोध के प्रतीक के तौर पर उभर रहे हैं मुन्‍तज़र अल जैदी

बुश को जूते मारने वाले नौजवान पत्रकार मुन्‍तज़र अल जैदी के बारे में मीडिया में सही खबरें नहीं आ रही हैं। बल्कि कई अखबारों और समाचार एजेंसियों ने तो एकदम अमेरिकापरस्‍त एंगल से खबरों को प्रस्‍तुत किया है। वैसे इसमें हैरानी की भी कोई बात नहीं है। हकीकत यह है कि मुन्‍तज़र धीरे-धीरे अरब जनता के प्रतिरोध के प्रतीक के तौर पर उभरते जा रहे हैं। इस घटना के बाद से ही इराक के कई शहरों समेत कई देशों जैसे लीबिया, लेबनान, सीरिया और मिस्र में उसके समर्थन में और उसकी रिहाई की मांग करते हुए प्रदर्शनों की खबरें मिल रही हैं। मुन्‍तज़र के समर्थन में सड़कों पर उतरने वाले इन लोगों में आम नागरिकों से लेकर नौजवान और पत्रकार बिरादरी भी है। इराक में हुए एक प्रदर्शन में लोगों ने तख्तियों पर लिखा था ''लोकतंत्र के उसूलों के मुताबिक हम जैदी की रिहाई की मांग करते हैं।''
एएफपी को जैदी के भाई ने बताया, जिसकी तस्‍दीक उस घटना के प्रत्‍यक्षदर्शियों ने भी की थी कि इराकी सुरक्षाकर्मियों ने जैदी को वहीं पर बुरी तरह से पीटा। उसकी एक बांह और पसलियां टूट गयीं हैं। उसे सेन्‍ट्रल बगदाद के सर्वाधिक सुरक्षित स्‍थान ग्रीन जोन कंपाउंड में रखा गया है।
29 साल का मुन्‍तज़र मिस्र से चलने वाले एक चैनल अल बगदादिया में काम करता है। लोगों का उसकी तरफ पहली बार ध्‍यान तब गया था जब उसने अमेरिकी फौजों द्वारा स्‍कूल जा रही छोटी बच्‍ची जाहरा को गोली मार देने पर एक डाक्‍यूमेंट्री बनाई थी। इसके बाद उसके पास अमेरिकी पैसे से चलने वाले चैनल अल-हुरा की तरफ से अच्‍छा प्रस्‍ताव आया था लेकिन उसने किसी अमेरिकी संबंध वाले चैनल में काम करने से साफ इंकार कर दिया था। खास बात यह है कि उसके कमरे में चे ग्‍वेरा का फोटो लगा है। मैं कोशिश करूंगा कि मुन्‍तज़र से संबंधित ताजा और सही खबरें ब्‍लॉग पर डालता रहूं।
Kapil.wrting@gmail.com

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