आज
हिन्दू में एक चुनावी क्षेत्र का जायजा लेते हुए लेख छपा है जो वहां की हवा में चारों ओर फैली नफरत की गंध को बारीकी से पकड़ता है। कंधमाल के एक चुनावी कार्यालय के माहौल और वहां हुई बातचीत के जरिए 'अंडरकरेंट' बह रहे डर और नफरत के घुलेमिले अहसास को यह लेख अच्छे ढंग से सामने लाता है। इसका बिटवीन द लाइन पाठ और प्रभाव उस राजनीतिक प्रयोग को सामने लाता है जो कंधमाल में 'क्रिया की प्रतिक्रिया' वाला तर्क दोहरा रहा है।
2 comments:
अफसोस।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
नफरत हमेशा जमीन के नीचे बहती है। पर नाक तेज हो तो पहचानी जा सकती है।
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