Friday, October 10, 2008

ऐसे लोगों का क्या करें?

दशहरा रैली में फ़िर से बाल ठाकरे ने समाज में विष घोलने वाली बात दोहराई है। आपके ख्याल में ऐसे लोगो का क्या किया जाना चाहिए? ऐसे लोगों और उनकी विचारधारा की खिलाफ जनता की प्रतिरोधक ताक़त के खड़ा होने तक कुछ तो किया ही जा सकता है। बल्कि ऐसा जो इस ताक़त के खड़ा होने में मदद करे... । बाल ठाकरे जैसे लोग जिस प्रजाति के प्राणी हैं, उस प्रजाति का इतिहास ही मानवता विरोधी जघन्य अपराधों से भरा पड़ा है। तो ऐसे में इस प्रजाति के लोगो को इंसानों की सूची में से खारिज कर देने की सिफारिश बेलारूस के क्रांतिकारी कवि मक्सिम तांक अपनी निम्नलिखित कविता में कर रहे हैं।

कौन मनुष्य और कौन नहीं...

जनगणना अधिकारीयों के लिए जब

तैयार किए जा रहे हों आवश्यक निर्देश

ज़रूरी है वक्त पर बता देना

किसे मनुष्य जाए और किसे नहीं।

इसलिए की हम यानि जिन्हें मालूम है

कितना भारी होता है हल

और कितनी यातनापूर्ण होती है जुदाई

और कैसी होती है विदाई

जिनके लौटने की कोई उम्मीद नहीं!

हमसे कभी स्वीकार नहीं हो सकेगा

मनुष्यों में शामिल किया जाना

उन लोगों का

जिन्हें आज भी अभिशाप दे रही हैं

बेसहारा बहने और माताएं

अभिशाप दे रही हैं

भास्माव्शेशों से भरी

यह पृथ्वी।

1 comment:

जय पुष्‍प said...

बहुत ही उपयुक्‍त और सुन्‍दर...।