Thursday, January 8, 2009

इजरायल ने अपनी नाकामयाबी पुख्‍ता कर ली है

इजरायल जिस मकसद से अपना टनों गोला-बारूद खर्च कर रहा है, उसमें वह कभी कामयाब नहीं हो पायेगा। मौत के इन सामानों से वह कुछ बच्‍चों, औरतों, बूढ़ों और लोगों की जिन्‍दगियां तो छीन सकता है लेकिन वह जिस चीज को आतंकवाद बता कर खत्‍म कर देना चाहता है, उसका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा। बल्कि हरेक मौत उस चीज को ज्‍यादा मजबूत और गहरा बना रही है।
वह चीज है प्रतिरोध। इजरायल हमास को खत्‍म करने की बात कर रहा है लेकिन वह भी जानता है कि दरअसल उसे खत्‍म करना है‍ फिलीस्‍तीनी लोगों का हौसला, उनके लड़ने की ताकत और उनका प्रतिरोध। लेकिन वह भूल रहा है कि जब किसी चीज को दबाया जाता है तो वह उतनी ही तेजी से वापस आती है। इजरायल कुछ लोगों को खत्‍म कर सकता है लेकिन क्‍या वह उस गुस्‍से को खत्‍म कर पायेगा जो अपने बच्‍चों की लाश देखकर एक बाप के सीने में पैदा हुआ है, क्‍या वह उस आक्रोश को गोली मार सकता है जो अपने जवान भाई की लाश देखकर किसी नौजवान के दिलोदिमाग में पैदा हो रहा है। बेबसी से उपजे इस गुस्‍से को इजरायल या उसके आका अमेरिका की कोई भी गोली, कोई भी रॉकेट, कोई भी मिसाईल खत्‍म नहीं कर पाएगा। इस प्रतिरोध की जमीन चाहे आज कमजोर हो लेकिन दुनिया के पैमाने पर इजरायल और उसके आका के लूट के साम्राज्‍य के खिलाफ धर्म के अलावा एक नयी जमीन से विरोध का स्‍वर उठेगा और उन्‍हें नेस्‍तनाबूद कर डालेगा।

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