हिन्दी रंगमंच के एक महत्वपूर्ण अंक का पटाक्षेप हो गया। हबीब साहब का जाना न सिर्फ रंगमंच की क्षति है बल्कि धार्मिक रूढ़ियों, अंधविश्वासों और साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ने वाले हर कलाकार, बुद्धिजीवी और आम लोगों की क्षति है। हबीब तनवीर साहब को विनम्र श्रद्धांजलि......
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Anonymous
said...
हबीब तनवीर साहब को कोटि-कोटि नमन एवं श्रद्धांजलि के श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ.....भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे.....
नाटक को समर्पित ऐसा दीवाना न कभी देखा ना सुना...मध्य प्रदेश के आदिवासिओं द्वारा प्रस्तुत नाटक "चरण दास चोर" जिसने भी देखा है वो अनघड कलाकारों के अद्भुत अभिनय और बेजोड़ निर्देशन को देख दांतों तले उंगलियाँ दबा लेता है...हबीब साहेब ने "आगरा बाज़ार " और "चरण दास चोर" जैसे नाटकों से धूम मचा दी थी... उनके जयपुर प्रवास के दौरान मैं जो कुछ उनसे सीखा वो ज़िन्दगी की अनमोल धरोहर है...ऐसे कर्मठ रचना धर्मी को मेरी भावः भीनी श्रधांजलि... नीरज
हबीब जी को हम भी अपने श्रृद्धा सुमन समर्पित करते हैं। हम भी उनके शहर के हैं और कुछ मौकों पर उनसे रूबरू होने का मौका मिला है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे यही कामना करते हैं। नहीं रहे वे वीर- जिनको कहते थे सब हबीब तनवीर
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हबीब तनवीर साहब को कोटि-कोटि नमन एवं श्रद्धांजलि के श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ.....भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे.....
साभार
हमसफ़र यादों का.......
नाटक को समर्पित ऐसा दीवाना न कभी देखा ना सुना...मध्य प्रदेश के आदिवासिओं द्वारा प्रस्तुत नाटक "चरण दास चोर" जिसने भी देखा है वो अनघड कलाकारों के अद्भुत अभिनय और बेजोड़ निर्देशन को देख दांतों तले उंगलियाँ दबा लेता है...हबीब साहेब ने "आगरा बाज़ार " और "चरण दास चोर" जैसे नाटकों से धूम मचा दी थी... उनके जयपुर प्रवास के दौरान मैं जो कुछ उनसे सीखा वो ज़िन्दगी की अनमोल धरोहर है...ऐसे कर्मठ रचना धर्मी को मेरी भावः भीनी श्रधांजलि...
नीरज
वाकई में एक जन रंगकर्मी विदा हुआ है....
हबीब जी को हम भी अपने श्रृद्धा सुमन समर्पित करते हैं। हम भी उनके शहर के हैं और कुछ मौकों पर उनसे रूबरू होने का मौका मिला है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे यही कामना करते हैं।
नहीं रहे वे वीर- जिनको कहते थे सब हबीब तनवीर
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