Tuesday, September 28, 2010

प्‍यार हमें शक्ति देता है... -- भगतसिंह

(प्रेम निस्संदेह दुनिया की सबसे खूबसूरत और ताकतवर चीज है। प्रेम हमें क्या देता है, इस बारे में भगतसिंह ने एक पत्र में लिखा था। भगतसिंह के जन्‍मदिवस पर इस अहम शख्सियत की इस अहम बात से रूबरू हुआ जाए...।)


प्यार हमें शक्ति देता है...

जहां तक प्यार के नैतिक स्तर का संबंध है, मैं यह कह सकता हूं कि यहअपने में कुछ नहीं है, सिवाय एक आवेग के, लेकिन पाशविक वृत्ति नहीं, एक मानवीय अत्यंत सुंदर भावना। प्यार अपने में कभी भी पाशविक वृत्तिनहीं है।प्यार तो हमेशा मनुष्य के चरित्र को ऊंचा उठाता है, यह कभी भी उसे नीचा नहीं करता। बशर्ते प्यार प्यार हो। तुम कभी भी इन लड़कियों को वैसी पागल नहीं कह सकतेजैसे कि फिल्मों में हम प्रेमियों को देखते हैं। वे सदा पाशविक वृत्तियों के हाथों में खेलती हैं। सच्चा प्यार कभी भी गढ़ा नहीं जा सकता। यह तो अपने ही मार्ग से आता है। कोई नहीं कह सकता कब? लेकिन यह प्राकृतिक है। हां मैं यह कह सकता हूं कि एक युवक और एक युवती आपस में प्यार कर सकते हैं और अपने प्यार के सहारे अपने आवेगों से ऊपर उठ सकते हैं। अपनी पवित्रता बनाये रख सकते हैं। मैं यहां एक बात साफ कर देना चाहताहूं कि जब मैंने कहा था कि प्यार इन्सानी कमजोरी है, तो साधारण आदमी के लिए नहीं कहा था; जिस स्तर पर कि आम आदमी होते हैं। वह एक अत्यंत आदर्श स्थिति है, जहां मनुष्य प्यार, घृणा आदि के आवेगों पर विजय पा लेगा। जब मनुष्य अपने कार्यों का आधार आत्मा के निर्देशोंको बना लेगा, लेकिन आधुनिक समय में यह कोई बुराई नहीं है। बल्कि मनुष्य के लिए अच्छा और लाभदायक है।मैंने एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति से प्यार की निन्दा की है लेकिन वह भी एक आदर्श स्तर पर। इसके होते हुए भीमनुष्य में प्यार की गहरी से गहरी भावना होनी चाहिए, जिसे कि वह एक ही आदमी में सीमित न कर दे बल्कि विश्वमय रखे।
भगतसिंह ‍‍ ‍‍‍‍ ‍ ‍‍ ‍‍ ‍‍ ‍‍‍‍‍‍ ‍‍ ‍‍‍‍‍ ‍‍ ‍

2 comments:

रवि कुमार, रावतभाटा said...

बहुत ही सुंदर पोस्ट...
भगत सिंह का लिखा एक-एक शब्द लाज़वाब है...

उम्मतें said...

सच है !