Wednesday, January 20, 2010

दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में फासिस्‍टों का कायराना हमला, एबीवीपी को भगतसिंह बर्दाश्‍त नहीं

एबीवीपी के गुंडों ने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में पुस्‍तक प्रदर्शनी वैन पर हमला किया, कार्यकर्ताओं को घायल किया
आज दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में एबीवीपी के गुंडों ने सुनियोजित तरीके से जनचेतना की पुस्‍तक प्रदर्शनी वैन पर हमला किया। हॉकी, सरिए लेकर आए इन गुंडों ने प्रदर्शनी पर खड़े वालंटियरों को घायल कर दिया, वैन के शीशे तोड़ दिए और किताबों को फेंक दिया। उन्‍होंने इस वैन को आग लगाने की धमकी दी है।
इस घटना की खबर लगते ही छात्रों का हुजूम उमड़ने से पहले ही गुंडे भाग गए। फिलहाल इस घटना को लेकर दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में काफी रोष है।


कल इस घटना के विरोध में दिशा छात्र संगठन की अगुवाई में आईसा, एसएफआई व तमाम संगठन विरोध प्रदर्शन करेंगे। जनचेतना के घायल कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसी कायराना हरकतों से उनके हौसले कम नहीं होंगे। वे बार-बार और ज्‍यादा तेजी से इस साहित्‍य को दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय समेत पूरे देश में पहुंचाते रहेंगे।

यह कोई पहला मौका नहीं है जब भगतसिंह के लिखे साहित् और अन् तमाम प्रगतिशील साहित् को सारे देश में कोने-कोने में पहुंचा रही यह वैन संघ परिवार के निशाने पर आई हो। मेरठ, मथुरा, आगरा, कोटा लगभग सभी जगह संघियों ने इस वैन पर हमले किए हैं। दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में भी एबीवीपी वाले भी पिछले कुछ सालों से इस प्रदर्शनी पर आकर बार-बार धमकी देते रहे हैं।

इसकी वजह भी साफ है। छात्रों-युवाओं के बीच जितनी तेजी से पिछले कुछ वर्षों में भग‍तसिंह और अन्‍य क्रांतिकारी साहित्‍य की चाहत बढ़ी है वह निश्चित ही एबीवीपी की राजनीति के लिए खतरे की घंटी है। इसके अलावा गांव-कस्‍बों से लेकर शहरों के कॉलेजों तक इस तरह की प्रदर्शनियां जितनी दूर तक क्रांतिकारी साहित्‍य पहुंचा रही है, उससे संघ परिवार की राजनीति की परेशानियां बढ़ना लाजिमी है। यह घटना उनकी इसी झुंझलाहट का नतीजा है।